Wednesday 26 December 2012

Nature of Devotion

True Devotion to God is without self-seeking. It is causeless, trusting, forgiving, patient, ever-increasing. That Divine Love is our goal.

भगवान की वास्तविक भक्ति स्वार्थ-भावरहित होती है | वह भक्ति अकारण, श्रद्धायुक्त, समर्पणभावयुक्त, धैर्यवती, प्रतिक्षण वर्धमान होती है | वह दिव्य प्रेम प्राप्त करना हमारा लक्ष्य है | 

God's Precious Gift

Life is a tremendous opportunity provided by God, for us to attain the highest treasure of Divine Love. Let's utilize it for this purpose.
 
यह जीवन  ईश्वर के द्वारा प्रदत्त अद्भूत सुअवसर है | यह इसलिए मिला है कि इसको पाकर हम सर्वोच्च दिव्य प्रेम की निधि प्राप्त कर सकें | तो चलो, हम इस सुअवसर को यह प्रयोजन के लिए उपयुक्त करें |